गोविंदनगर। भाऊसाहब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास द्वारा संचालित ग्राम ज्ञानपीठ में "मिट्टी के रंग" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में बच्चों को माटीकला की कला एवं मिट्टी से जुड़े पारंपरिक खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को भारतीय
संस्कृति से जोड़ना और मिट्टी की महत्ता को समझाना है। प्रशिक्षकों द्वारा बच्चों
को मिट्टी से खिलौने, दीये, मूर्तियाँ बनाने की तकनीक सिखाई जा रही है। साथ ही खेल
प्रशिक्षक सतीश
पटेल , ललित पूर्बी द्वारा उन्हें गिल्ली-डंडा,
कंचे लंगडी टांग, पिटटू,रस्सी कूद,शेर
बकरी, चिडिंया उड, भस्मासुर,संख्या गठबंधन, कोडाबदाम खाई , पकड़म पकडाई और
कबड्डी जैसे ग्रामीण खेलों का अनुभव भी कराया जा रहा है।
ग्राम
ज्ञान पीठ के प्रमुख विकास मोहरीर ने
बताया कि यह पहल बच्चों में सृजनात्मकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण
संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने का भी प्रयास है। ग्रामीण परिवेश से जुड़ने और
प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करने की यह अनूठी पहल सराहनीय है। आगे बताते हुए विकास
जी ने कहाँ की हमारे पास माटीकला के लिए दो मास्टर ट्रेनर - गोधन प्रजापति एवं गब्बर प्रजापति है जिनके मार्गदर्शन में बच्चो
को प्रशिक्षित किया जा रहा है |
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों
और अभिभावकों की सहभागिता देखी गई। आयोजकों ने इसे हर वर्ष आयोजित करने की योजना
बनाई है, जिससे आने वाली पीढ़ी मिट्टी से जुड़े पारंपरिक कौशल और खेलों
को आत्मसात कर सके।