कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर, नर्मदापुरम में आज दिनांक 03 जुलाई 2025 को नवमी वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति (SAC) की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर से पधारे प्रधान वैज्ञानिक डॉ. टी.आर. शर्मा जी उपस्थित रहे , बैठक में जिले के प्रमुख विभागीय अधिकारी एवं संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री गोविंद मीणा, सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी डॉ. उपमा रावत, ब्लॉक पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय सराठे, मत्स्य विभाग इटारसी से श्री अभिषेक कौरव, भाऊसाहब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास के सहसचिव श्री केशव माहेश्वरी, प्रबंधक श्री धर्मेन्द्र जी गुर्जर , न्यास के विशेष आमंत्रित सदस्य श्री विवेक माहेश्वरी, श्री अनिल बरोलिया एवं श्री मनोज राय शामिल रहे।
बैठक की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं अतिथियों का स्वागत कर श्रीफल एवं मोमेंटो भेंटकर की गई। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. संजीव कुमार गर्ग ने स्वागत भाषण देते हुए वर्ष 2024-25 की आठवीं बैठक में प्राप्त सुझावों पर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन, जैविक खेती, मृदा परीक्षण, जैविक कीट प्रबंधन, उन्नत प्रजातियों एवं व्यावसायिक फसलों के प्रचार-प्रसार से संबंधित प्रगति साझा की। साथ ही खरीफ 2025 हेतु प्रस्तावित कार्ययोजना पर विस्तार से जानकारी दी गई।
डॉ. टी.आर. शर्मा ने अपने उद्बोधन में सुझाव दिया कि "OFT एवं FLD" क्रियान्वयन से पूर्व किसानों की वर्तमान स्थिति का अवलोकन अत्यंत आवश्यक है, जिससे तकनीकी हस्तक्षेप का प्रभाव स्पष्ट रूप से आंका जा सके। उन्होंने प्राकृतिक खेती के घटकों पर भी गहन अवलोकन कर योजनाएं बनाने का परामर्श दिया।
बैठक में आभासी रूप से जुड़े भा.कृ.अनु.प.– कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर के निदेशक डॉ. एस.आर.के. सिंह ने कहाँ की किसान खरीफ में रासायनिक दबाओ का कैसे कम उपयोग करे इसके लिए किसानो को जागरूक करना चाहिए तथा ड्रोन का प्रयोग किसान अधिक से अधिक करे इसके लिए भी जागरूकता कार्यक्रम करना चाहिए | आईएबीएम, जेएनकेवीवी जबलपुर के निदेशक डॉ. मोनी थॉमस ने भी समिति को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया। बैठक में न्यास के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल, सदस्य श्री भूपेंद्र सिंह पटेल सहित अन्य गणमान्य जन वर्चुअली शामिल हुए।

बैठक का उद्देश्य वैज्ञानिकों, विभागीय अधिकारियों एवं किसानों के मध्य संवाद स्थापित कर कृषि विकास की दिशा में संयुक्त प्रयासों को गति देना था। बैठक समापन पर सभी उपस्थितजनों ने केंद्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और उपयोगी सुझाव साझा किए।