साँझ ढले आकाश तले तिंदवाड़ा के प्रगतिशील किसान देवेंद्र पटेल के खेत मे ग्राम के अन्य किसानो को आमंत्रित कर रबी फसलों मे कीट व्याधि एवं जैविक कृषि के प्रमुख घटक विषय पर कृषक बंधुओ से चर्चा करने पहुचे केंद्र के प्रभारी डॉ संजीव कुमार गर्ग एवं पौध संरक्षण वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार नामदेव
चर्चा के दौरान डॉ गर्ग ने किसान बंधुओ को कहाँ की कमसे कम स्वयं के खाने के लिए छोटे से रकबा मे जैविक फसल एवं सब्जी उत्पादन कर स्वास्थ्य रहे।
वर्तमान समय मे रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक के अत्यधिक प्रयोग से बीमारीयों की संख्या लगातार बढ़ रहा है आने बाले समय मे नर्मदापुरम कही पंजाब न बन जाए इसके लिए किसानो को प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना ही होगा इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र लगातार किसान बंधुओ को प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण प्रदान कर रहे है।
आगे चर्चा को आगे बढ़ाते हुए ब्रजेश ज़ी ने कहाँ की खेती मे कीटनाशी दबाईयो का एक बड़ा खर्च है इसे कम करने के लिए नीमास्त्र, दशप्रर्णी अर्क का निर्माण कर छीड़काव कर सकते है, इसके निर्माण मे प्रकृति से प्राप्त विभिन्न पत्तियों, छाँच, गोमूत्र का उपयोग किया जाता है एवं इसे बनाना भी बहुत आसान है।