किसान बंधुओ के लिए अच्छी खबर कृषि विज्ञान केंद्र गोविंद नगर के कीट वैज्ञानिक बृजेश कुमार नामदेव ने बताया की बनखेड़ी ब्लॉक मे किसान अधिकतर धान एवं गन्ने की खेती करते है खासकर गन्ने मे तना छेदक कीटो का प्रकोप ज्यादा होते है इसका प्रभावी जैविक इलाज अब बायो कंट्रोल लेब कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर के माध्यम से किया जा रहा है इसके लिए केवल एक कार्ड की जरूरत पड़ेगी इसके प्रभाव से तना छेदक कीटों का खुद वा खुद सफाई हो जायेगी ।
कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर के बायो एजेंट तना छेदक कीट नियंत्रक के लिए ट्राइकोग्रामा कार्ड निर्माण किया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक नामदेव जी आगे बताते हुए कहा कि बनखेड़ी के आसपास किसानों के गन्ने में तना छेदक कीटों के प्रबंधन हेतु कीटनाशक का छिडकाव करने में काफी समस्या होती है एवं उचित प्रबंधन न होने पर किसानों को खामियाजा भुगतना पड़ता है इस समस्या को देखते हुए हम ट्राईकोग्रामा जेपोनिकम एवं ट्राईकोग्रामा चिलोनिस अंड परजीवी के ट्राईको कार्ड तैयार कर रहे हैं।
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ट्राईको कार्ड |
ट्राईकोकार्ड (जिसमे अंड परजीवी की दो प्रजाति ट्राईकोग्रामा जेपोनिकम एवं ट्राईकोग्रामा चिलोनिस होती है) के रूप में गन्ने एवं धान के खेत में पत्ती की निचली सतह पर डिस्पोजल मे रखकर प्रत्यारोपित किया जाता है जब तना भेदक कीट या शत्रु कीट की मादा अंडे देती है तो उन अंडों पर यह अंड परजीवी अपने अंडे दे देता है जिससे वह शत्रु कीट अंड अवस्था में ही नष्ट कर देता है, आगे और अधिक जानकारी देते हुए कृषि वैज्ञानिक बृजेश कुमार नामदेव ने अपने बताया कि एक हेक्टेयर खेत में 50000 ट्राईकोग्रामा जेपोनिकम एवं ट्राईकोग्रामा चिलोनिस अंड परजीवी का प्रयोग होता है इस ट्राईकोकार्ड का प्रयोग फसल अवधि में 10 से 15 दिन के अंतराल पर करना चाहिए। इस कार्ड को प्राप्त करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर जिला नर्मदापुरम में कीट वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार नामदेव (9244182803) से संपर्क कर सकते हैं |