आएंगे अपने गिरिधारी..!
अवध में उत्सव है भारी
आएंगे अपने गिरिधारी ।
सजा है नगर और हर द्वार
अयोध्या लगती है हरिद्वार
केवट नांव सजाकर बैठा है
प्रभु उतरेंगे इस पार ।
चरण रज पाकर के प्रभु की
धन्य होगी नगरी सारी..
आएंगे अपने गिरिधारी ।
विराजेंगे मंदिर में राम
पूर्ण होंगे जग के शुभ काम
करेंगे सब मिलकर गुणगान
मिलेंगे रघुवर से हनुमान ।
शरण पाएंगे नर – नारी..
आएंगे अपने गिरिधारी ।
सुंदर श्याम छवि मोहे
संग में जनकसुता सोहे
देवता अंबर से देखें
चहुं दिश शंख ध्वनि होवे
प्रतीक्षा पूर्ण हुई सारी
हर्ष हनुमत को है भारी..
आएंगे अपने गिरिधारी ।
अवध में उत्सव है भारी
आएंगे अपने गिरिधारी..!
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~ नम्रता शुक्ला |