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साक्षात्कार - सफलता की कहानी

rahul
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युवा कृषक ऋतिक शुक्ला, निवास बनखेड़ी, स्नातक (कृषि) ने स्वयं के खेत पर वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रहे है , कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र प्रबंधक पंकज शर्मा से बातचित के अंश

पंकज शर्मा – वर्मीकम्पोस्ट बनाने की कल्पना कैसे आई ?

ऋतिक शुक्ला – कोरोना काल में घर बैठे बैठे अनेक युवाओ को कुछ नए करते हुए देखा तो मन में बात आई की कृषि पढाई करने के बाद कृषि से जुड़े कोई व्यवसाय किया जाए तो पास में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर गया वहा से जैविक कृषि एवं खाद निर्माण के बारे में जाना फिर मन बनाया |   

पंकज शर्मा – वर्मीकम्पोस्ट बनाने में किस –किस चीज का उपयोग कर रहे हो

ऋतिक शुक्ला – सबसे पहले तो गौपालको से गोबर खरीद कर उसमे फसल अवशेष का उपयोग कर रहा हु कुछ मात्रा में नाइट्रोजन बढाने के लिए अजोला का उपयोग भी कर रहा हु साथ में मोहल्ले से गिला कचड़ा एवं सब्जियों के छिलके भी एकत्रित कर बना रहा हु

पंकज शर्मा – वर्मीकम्पोस्ट बनाने के लिए कोई प्रशिक्षण प्राप्त किया क्या ?

ऋतिक शुक्ला – जी हां कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर से जुड़ा हुआ हु लगातार संपर्क में रहता हु जब भी वंहा जैविक कृषि से सम्बंधित प्रशिक्षण होता है मै भाग लेता हु और हमेशा कुछ नया सिखता हु एवं मेरे खेत में प्रयोग करता रहता हु |

 पंकज शर्मा – वर्मीकम्पोस्ट इकाई को लेकर आगे की योजना  

ऋतिक शुक्ला – इस इकाई को आगे और बढ़ाऊंगा इसे कमर्शियल करना है इसका ब्रांडिंग करने की योजना है साथ में अमेजोन, फ्लिप्कार्ट जैसे इ-कामर्स प्लेटफार्म पर भी इसे किसान बंधुओ को उपलब्ध कराने की योजना है

पंकज शर्मा – इस इकाई को शुरू करने के बाद आप कैसा अनुभव कर रहे है ?

ऋतिक शुक्ला –  पूर्णतः प्राकृतिक रूप से खाद का निर्माण किया जा रहा है जो को पर्यावरण, मृदा एवं मानव स्वास्थ के लिए लाभकारी है |

पंकज शर्मा – ब्रांडिंग से  पूर्व यदि किसान बंधू आप से लेना चाहते है तो

ऋतिक शुक्ला –  जी हाँ अभी किसान बंधू मेरे निज निवास बनखेडी IDFC बैंक के पीछे मेरी इकाई में आकर  प्राप्त कर सकते है एवं मोबाइल नंबर 9131170358  पर  संपर्क कर सकते है

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