खरीफ फसलो का निरिक्षण हेतु कृषि वैज्ञानिक दल पँहुचे माखननगर
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सोयाबीन फसलो का बारिके से निरिक्षण करते वैज्ञानिक दल |
प्रति सप्ताह अनुसार इस हफ्ते के प्रथम सोमवार को कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर के कृषि वैज्ञानिक माखन नगर एवं सोहागपुर ब्लोक के ग्रामो में कृषको के प्रक्षेत्र पर किये भ्रमण
माखननगर में पोषण माह के अंतर्गत पोषण जागरूकता हेतु कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे गृह वैज्ञानिक डॉ आकांक्षा पाण्डेय ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं गृहणी माताओं को पोषण से संबधित जानकारी देते हुए कहा की
बरसात के मौसम में कई बीमारियां भी लेकर आता है। ऐसे में इस मौसम में अगर हम उचित पोषण और साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं तो हम आसानी से बीमारियों का शिकार बन जाते हैं। इसलिए समय में भोजन के बारे में सही जानकारी होना जरूरी है ताकि हम तरोताजा व स्वस्थ रह सके
- बारिश के मौसम में बासी खाना खाने से बचें। हमेशा ताजा खाना खाएं। यह भी याद रखें कि भोजन आसानी से पचने योग्य होना चाहिए। गरिष्ठ और तला हुआ भोजन हानिकारक हो सकता है।
- इस मौसम में खाली पेट ना रहें और ना ही बिना कुछ खाए घर से बाहर निकलें। घर का बना खाना खाए और अपने साथ भी ले जायें। लंच बॉक्स में सलाद होना चाहिए। अपने साथ पानी की बोतल लाना न भूलें।
- जितना संभव हो सके उतने अधिक फल खाएं। ये फल शरीर को ताजगी प्रदान करते हैं।
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पोषण से सम्बंधित जानकारी देती डॉ पाण्डेय |
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पोषण जानकारी प्राप्त करती महिलाए |
उपाय :
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खेत में कई जगह पक्षियों के बैठने के लिए जगह बनाएं।
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पतंगों को आकर्षित करने के लिए रोशनी प्रकाश प्रपंच (लाइट ट्रेप) या फ़ेरोमोन
ट्रेप जालों का उपयोग करें।
रासायनिक नियंत्रण : इमामेक्टिन बेंजोयेट (0.5 ग्राम / ली), फ़्लुबेन्डियामाइड (0.5 मिली / ली), या क्लोरेन्ट्रेनिलिप्रोल (0.3 मिली / ली) इंडोक्सिकार्ब सहित अनेक प्रकार के कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता।
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सोयाबीन फसलो का बारिके से निरिक्षण करते डॉ. पटेल एवं डॉ नामदेव |
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कृषक से चर्चा |
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सोयाबीन प्रदर्शन |
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धान के प्रक्षेत्र पर वैज्ञानिक गण |