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चने की खेतों में सोलर एवं फेरोमोन ट्रैप लगाकर कीट पतंगों से बचाव कर रहे श्री देवेंद्र पटेल

rahul
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कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर के वैज्ञानिकों द्वारा अंगीकृत ग्राम तिंदवाड़ा के देवेंद्र पटेल के खेत पर चने की फसल मे सोलर लाइट एवं फेरोमेन ट्रैप द्वारा समन्वित कीट प्रबंधन

डॉ गर्ग ने बताया की कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर द्वारा पेस्टिसाइड्स के बढ़ते उपयोग को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार की  कार्यक्रम चला रहे है । अब इसी क्रम में किसानों की फसलों को कीट पतंगों से बचाने व खेती में पेस्टिसाइड्स की निर्भरता को कम करने के लिए केंद्र द्वारा सोलर पावर एलईडी लाइट ट्रैप उपकरण चयनित कृषको के खेत मे लगा रहे है। खेतों में फसलों और सब्जियों को कीट भारी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे बचने के लिए किसान पेस्टीसाइड का उपयोग करते हैं।

ये रसानियिक दवाइयां कीटों को तो मार देती हैं, लेकिन इसके जहरीले अंश मिट्टी में मिलकर उसकी उत्पादन क्षमता व किसान का स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करते हैं। ऐसे में जिला में किसानों को पेस्टीसाइड के खतरों से दूर करने और फसलों को कीटों से बचाने के लिए अब  सोलर लाइट ट्रैप अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। बल्बों की तरफ आकर्षित होते हैं पतंगें केंद्र के कीट वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार नामदेव अधिकारी  ने उपकरण की कार्यशैली की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें एक छोटी सोलर प्लेट लगाई जाती है। जो दिन में उपकरण में नीचे की तरफ लगी बैटरी को चार्ज करती है।

बीच में खाली जगह छोड़ कर एक इलेक्ट्रीक रैकेट लगा दिया जाता है। रैकेट के ऊपर कुछ छोटे-छोटे बल्ब लगा दिए जाते हैं। जो सौर ऊर्जा से चार्ज हुई बैटरी से जलते हैं। इन बल्बों को देखकर कीट पंतगें आकर्षित होते हैं और इलेक्ट्रिक रैकेट की चपेट में आकर मर जाते हैं।


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