आओ सीखे कम लागत में कीट प्रबंधन
कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर में मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद् भोपाल द्वारा वित्त पोषित परियोजना के अंतर्गत आन फार्म प्रोडक्शन आफ बायो एजेंट, बायो फ़र्टिलाइज़र एवं इनके अनुप्रयोग पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है जिसमे चयनित 25 किसानो को जैविक एवं प्राकृतिक खेती के लिए महत्वपूर्ण अवयव विभिन्न बायो एजेंट जैंसे ट्राईकोग्रामा, रेडुविड बग, ग्रीन लेस विंग, ई. पी. एन., ट्राईकोडर्मा, माईकोराईज़ा, एजोला आदि के उत्पादन तकनीक को किसानो को व्यवहारिक व् प्रायोगिक रूप से किसानो को सिखाया जा रहा है जिससे वो स्वम इनका उत्पादन कर इनका प्रयोग अपनी फसलो पर कीट प्रबंधन के लिये कर सके |
मध्य
प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद् भोपाल द्वारा वित्त पोषित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को परियोजना के
प्रधान अन्वेषक वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार नामदेव द्वारा संचालित किया गया जिसमे
उन्होंने किसानो को विभिन्न बायोएजेंट जैंसे- ट्राईकोग्रामा, रेडुविड बग, ग्रीन लेस विंग, ई. पी. एन., ट्राईकोडर्मा, माईकोराईज़ा के बारे में प्रायोगिक रूप से उत्पादन करना भी सिखा रहे
इस प्रशिक्षण के प्रथम दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन में
केंद्र के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल , न्यास के नव नियुक्त
प्रबन्धक श्री धर्मेन्द्र गुर्जर एवं केंद्र के प्रभारी डॉ. संजीव कुमार गर्ग
द्वारा किया गया |
धर्मेन्द्र
जी द्वारा किसानों को मार्गदर्शन देते हुए कहाँ की कृषि कार्य में कीटों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। कुछ कीट आपके
खेत के लिए लाभकारी होते हैं जिन्हें मित्र कीट कहा जाता है, जबकि कुछ कीट आपके फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिन्हें शत्रु कीट कहा जाता है। इसलिए, यह जरूरी है कि किसान भाई मित्र कीटों और शत्रु कीटों की पहचान करें और
उनका सही प्रबंधन करें।
पांच दिवसीय यह प्रशिक्षण 26 से 30 सितम्बर तक आयोजित किया जायेगा जिसमे केंद्र के वैज्ञानिको के अलावा कृषि विज्ञान केंद्र अनूपपुर एवं इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वैज्ञानिको का माग्रदर्शन किसानो को प्राप्त होगा |