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कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर की आठवी वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न

rahul
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        कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर जिला नर्मदापुरम की आठवी वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर के सभागार में आयोजित की गयी जिसकी अध्यक्षता जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्व विद्यालय जबलपुर से पधारे वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. संजय वैशम्पायन ने की, बैठक में  आभासी रूप से भा.कृ.अ.प. अटारी जबलपुर  की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शालिनी चक्रवर्ती, भा.कृ.अ.प. अटारी जबलपुर के  से पधारे वैज्ञानिक, डॉ. हरीश एम. एन., कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल, भाऊसाहब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास गोविंदनगर के उपाध्यक्ष, श्री मकरन सिंह पटेल,   सहसचिव, श्री केशव माहेश्वरी, प्रबंधक, श्री धर्मेन्द्र गुर्जर, न्यास के सदस्य, श्री भूपेन्द्र सिंह पटेल, श्री अनिल बरोलिया, श्री मनोज राय तथा नर्मदापुरम जिले के अन्य कृषि एवं कृषि सम्बंधित विभाग के अधिकारी व  कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. संजीव कुमार गर्ग , कृषि  विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक व सह वैज्ञानिक तथा जिले के प्रगतिशील कृषको की उपस्थिति में संपन्न की गई । सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया, तत्पश्चात अतिथियों को श्रीफल, पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेट कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। 

  बैठक की शुरुआत मे केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ संजीव कुमार गर्ग ने सातवी  वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक में आए सुझाव के परिपेक्ष्य में किए गए कार्य का प्रस्तुतीकरण किया । जिसमे ड्रोन प्रदर्शन, जैविक खेती, मृदा परीक्षण, जैविक कीट प्रवंधन, विकसित प्रजातियां, व्यवसायिक फसल के बारे मे प्रगति बताई। इसके पश्चात रबी 2024-25 की कार्य योजना डॉ संजीव कुमार गर्ग ने समिति के अध्यक्ष एवं सम्मानीय सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत की तत्पश्चात सामूहिक चर्चा एवं सुझाव आमंत्रित किये गये । 

डॉ. शालिनी चक्रवर्ती द्वारा कहा की प्रक्षेत्र परिक्षणों के परिणाम बहुत की सटीकता से तैयार करने चाहिए, उन्होंने नेनो यूरिया, डी ए. पी. के परिणाम किसानो को तथ्य्ताय्म्क एवं उत्पादन मूल्य के साथ सार्वजानिक करना चाहिए इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना की विशेष रूप से बायो एजेंट्स के अनुप्रयोग किसानो के लिए बहुत ही लाभकरी बताया,  डॉ हरीश ने कहाँ की प्रोम की उपयोग मात्रा प्रमाणित तरीके से उपयोग करनी चाहिए एवं RDF की पद्धति बदलना चाहिए, उन्होंने अजोला के उपयोग एवं परिक्षण विशेष कर पशुपालन, मुर्गीपालन, बकरी पालन पर किया जा सकता है एवं फसल प्रदर्शन के परिणाम तैयार करने हेतु फसल कटाई प्रदर्शन अवश्य सम्मलित करना चाहिए | 

डॉ. संजय वैशम्पायन जी द्वारा अपने वक्तव्य में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा पिछली सलाहकार समिति में आए सुझाव के परिपालन में अच्छे कार्य किए जाने की सराहना की गई, उन्होंने अपने अध्यक्ष उद्बोधन में कहाँ कि इस तरह की महतवपूर्ण बेठ्को में  सभी विभागों का प्रतिनिधितव होना चाहिए, कृषि यंत्रो का उपयोग बढ़ाने हेतु विशेषकर नरवाई प्रबंधन के लिए सुपर सीडर एवं अन्य कृषि यंत्रो का उपयोग को बढ़ावा देने हेतु कार्य  किया जा सकता है, हर तीन साल के बाद बीज उत्पादन के  डाटा का विश्लेषण किया जाना  चाहिए, डी ए पी की समस्या देखते हुए उसके विकल्प के रूप में नेनो यूरिया एवं नेनो डी ए पी के उपयोग हेतु आधिक से अधिक प्रचार प्रसार करना चाहिए, जिले में ड्रोन की तकनीकी सफलता से जिले में कितनी ड्रोन की सख्या बढ़ी इसका डेटा रखना चाहिए | 

बैठक में प्रगतिशील कृषक श्री सवेंद्र राजपूत, नीलेश कुशवाहा, गिरजा प्रसाद मैहर,सुजय चौकसे,  श्री मति ज्योति बाला आर्से, श्री मति पूजा साहू,  श्रीकाशीराम पटेल, अभय नागवंशी, ऍफ़. पी. ओ. से श्री आकाश पटेल  एवं जिले के अन्य प्रगतिशील किसान, कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर से वैज्ञानिक श्री ब्रजेश कुमार नामदेव, डॉ देवीदास पटेल, श्री लवेश कुमार चौरसिया, श्री राजेन्द्र पटैल, डॉ प्रवीण सोलंकी, श्रीr राहुल माझी, श्री विकास मोहरीर एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहे|  

      कार्यक्रम के अंत मे आभार प्रदर्शन कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर के वैज्ञानिक श्री ब्रजेश कुमार नामदेव द्वारा किया गया |


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