बंगो लोक भारती संगठन का दो दिवसीय प्रशिक्षण एवं बंगो समाज सम्मेलन कार्यक्रम संपन्न
चोपना। राष्ट्रवादी विचारधारा के बंगो लोक भारती संगठन के तत्वावधान में दो दिवसीय प्रशिक्षण एवं सम्मेलन 25 और 26 दिसंबर को चोपना में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के पहले दिन का आयोजन लक्ष्य पब्लिक स्कूल, झोली रोड चोपना में हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11 बजे हुई। पहले सत्र में डॉ. देव ज्योति ने "बंगो लोक भारतीय की कार्यपद्धति एवं लक्ष्य" विषय पर अपने विचार रखे। दूसरे सत्र में "वर्तमान परिदृश्य में बंगो लोक भारतीय की भूमिका एवं चुनौतियां" विषय पर चर्चा हुई। बंगाली समाज के संस्कार-संस्कृति,भाषा,परम्परा,रीति रिवाज ,प्राकृतिक खेती,जल संरक्षण,पर्यावरण एवं लोक हित के अन्य कार्य को कैसे करे इस विषय मे चर्चा किया। तीसरे सत्र में प्रबुद्धजनों ने "बंगला भाषी हिंदू समाज की भाषा, संस्कृति और परंपरा के संरक्षण में बंगो लोक भारती की भूमिका" पर विचार साझा किए। इस दौरान बंगो संघ के प्रांत बैद्धिक प्रमुख पंकज शर्मा ने कहाँ की , "बंगला भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और पहचान का मूल स्तंभ है। इसे संरक्षित करना सभी प्रबुध्य्जनो की जिम्मेदारी है।" हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए साथ ही इसे संबर्धन हेतु घरो से प्रयास होना चाहिए दादा दादी बंगला में कहानी सुनाये वर्णमाला की पहचान कराये | लोक भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री गोपाल उपाध्यय जी ने गौ आधारित प्राकृतिक कृषि तथा हरि संकरी बरगद,पीपल,पाकड़ के पौधा एक साथ लगाकर उसकी परिक्रमा करने का महत कार्य के लिए गांव के सभी से आग्रह किया। मा. डॉ. देवज्योती जी गाइन (अखिल भारतीय संयोजक, बंगो लोक भारती) ने संगठन की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं का खाका प्रस्तुत किया।
हरिचंद-गुरुचंद मंदिर प्रांगण में हुआ समापन
सम्मेलन के दूसरे दिन का आयोजन हरिचंद-गुरुचंद मंदिर प्रांगण में हुआ। इस अवसर पर अतिथियों ने लोक सेवकों का सम्मान किया जिसमे गोपालक,बागवानी एवं शिक्षकों तथा विशेष कार्य सम्मिलित है। लोक कल्याण के लिए समाज की एकजुटता पर बल दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष, बच्चे, और गणमान्य नागरिक शामिल हुए।
सम्मेलन का शुभारम्भ अतितियों द्वारा माँ भारती,नेताजी सुभाष बोस तथा विवेकानन्द के सम्मुख दीप प्रज्वलन का किया गया उसके पश्चात एक साथ सभी अथितियों ने सम्मिलित होकर वृक्षरोपण ममदिर परिषर में किया गया।भारतीय परंपरा का निर्बाहन करते हुए अतिथियों के ललाट पर तिलक लगाकर सम्मान किया गया उसके बाद बंगो लोक भारती प्रदेश संयोजक श्री संजीव राय द्वारा कार्यक्रम एवं संगठन की रुपरेखा सभी के समक्ष प्रस्तुत किया गया |
मा. गोपाल जी उपाध्याय (अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री, लोक भारती) द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वच्छता, और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संगठन द्वारा चलाए जा रहे अभियानों पर चर्चा की।
पूर्व पर्यटन निगम अध्यक्ष तपन भौमिक ने बंगाली संस्कार संस्कृति एवं अपनी परम्पराओ को पुनर्जीवित करने के विषय मे अपनी बात रखा साथ ही सभी से आग्रह किया कि हमे पाश्चत्य संस्कृति को छोड़कर अपनई सनातन संस्कृति का संरक्षण करने की आवश्यकता है। बंगो लोक भारती के प्रदेश संयोजक संजीव रॉय ने सभी को हाथ उठाकर मध्यप्रदेश के बहु संख्यक बंगाली गांव के सभी स्कूलों में एक विषय बंगाली भाषा पढ़ाया जाय इस विषय मे प्रस्ताव पारित किया जिसमें विधायक सहित सभी ने हाथ उठाकर प्रस्ताव पारित किया और मुख्यमंत्री थक शिक्षा मंत्री से बंगो लोक भारती के एक प्रतिनिधि मंडल भेंट करने का निर्णय भी लिया गया।सभा को घोड़ाडोंगरी विधायक गंगा बाई उइके ने अपने सम्बोधन में कहा कि बंगाली समाज बैतूल जिले में चोंपना क्षेत्र सभी समाज के लोगो का संस्कार केंद्र है,बंगाली समाज से अन्य समाज के बहुत से विषयो की शिक्षा लिया है आगे भी सीखते रहेंगे। बंगला भाषा के एक विषय को सभी चोंपना क्षेत्र के गांव के स्कूलों में पढ़ाया जाय इसके लिए प्रयास करने का अस्वासन दिया। प्रदेश संरक्षक संजीत सरकार ने रिटायर शिक्षक एवं प्रबुध्द जनों माता बहनों से आग्रह किया कि बंगो लोक भारती संगठन गांव में बंगो संस्कृति केंद्र संचालित करेगा जिसमे निशुल्क स्व प्ररेणा से स्वयंसेवी भाव से हफ्ते में एक दिन एक घन्टा बंगला विषय पढ़ाने वाले सज्जन आगे आए इस आहवान पर एक दर्जन शिक्षक तथा महिलाएं आगे आये। अन्य अतिथियों में इंदौर से अशोक अधिकारी,महाराष्ट्र से श्रीमती स्वपना हालदार ने भी सम्बोधित किया जिसमें प्रकृति, पर्यावरण, संस्कार-संस्कृति हित तथा समग्र लोकहित के सभी कार्यों में निरन्तर सक्रिय संघ प्रेरित संगठन लोक भारती से संबद्ध राष्ट्रभक्त बांग्लाभाषी समाज के संगठन बंगो लोक भारती को विस्तृत जानकारी सभी को प्रदान किये साथ ही उन्होंने कहाँ की प्राकृतिक कृषि वर्तमान समय में न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि मानव स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता के लिए भी एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन चुकी है। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से उपज की गुणवत्ता घट रही है, मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है, और जल प्रदूषण बढ़ रहा है। इन समस्याओं का समाधान जैविक खेती के माध्यम से किया जा सकता है। आगे मृदा का अमृत जीवामृत निर्माण प्रक्रिया का सभी के सामने सरल एवं सुगमता के साथ प्रस्तुत किये |
इस अवसर पर समाज सेवा, शिक्षा, और पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में बंगो लोक भारती के दो दिवसीय वार्षिक कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रदेश सह संयोजक तुषार राय ने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और आयोजन समिति के सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया।
अपने संबोधन में श्री राय ने कहा, "यह कार्यक्रम न केवल भाषा, संस्कृति और पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रकट करता है, बल्कि यह समाज के प्रति हमारे उत्तरदायित्व का भी प्रतीक है। मैं सभी सहयोगियों और प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद देता हूं।" उन्होंने विशेष रूप से उन व्यक्तियों और संगठनों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, "आप सभी के सहयोग और समर्पण से यह आयोजन एक प्रेरणादायक मंच बन सका। यह हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।" श्री राय ने भविष्य में भी इसी तरह के आयोजनों के माध्यम से भाषा और संस्कृति को सशक्त बनाने के लिए सभी से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा, "आने वाले समय में बंगला भाषा और संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा।" कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गीत के सामूहिक गायन के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। श्री संजीव राय के प्रेरणादायक संचालन और उनके नेतृत्व में यह आयोजन सफलता की नई परिभाषा लिख गया।कार्यक्रम में 1000 से अधिक लोग उपस्थित थे। प्रमुख रूप से