गोविंदनगर : कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर द्वारा संचालित आर्या परियोजना के तहत नर्सरी प्रबंधन पर कौशल विकास प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न किया। नर्सरी प्रबंधन के प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. लवेश कुमार चौरसिया ने कहाँ की इस प्रशिक्षण का उद्देश्य उद्यानिकी मे रूचि रखने बाले किसानो को आधुनिक और संतुलित तकनीकों के माध्यम से नर्सरी प्रबंधन करना था।
प्रशिक्षण के माध्यम से क्षेत्रीय किसानों को उन्नत तकनीकी जानकारी प्रदान की गई, जिसमें नर्सरी स्थापना, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार, बीज उपचार, पौध पोषण, ड्रिप मलचिंग सिस्टम और जल प्रबंधन जैसी प्रमुख विधियों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने किसानों को नर्सरी के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए उपयोगी टिप्स दिए और व्यावहारिक प्रदर्शन प्रगतिशील किसान के प्रक्षेत्र मे भी किया।
कार्यक्रम के दौरान उद्यानिकी वैज्ञानिकों डॉ. चौरसिया ने बताया कि नर्सरी प्रबंधन में संतुलित तकनीक अपनाने से पैदावार में वृद्धि होगी और किसानों की आय में सुधार आएगा। अंतिम दिवस मे किसानो को पोट्रे प्रदान किया गया इस दौरान केंद्र के असिस्टेंट एवं DDO विकास मोहरीर उपस्थित रहे।
किसानों ने इस प्रशिक्षण के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहाँ की इस तरह के प्रशिक्षण के माध्यम से हमें आधुनिक क़ृषि का ज्ञान प्राप्त हुआ।
यह पहल कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किसानों को उन्नत कृषि तकनीक से जोड़ने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
गोविंदनगर: कृषि विज्ञान केंद्र, गोविंद नगर ने संतुलित आर्या परियोजना के तहत नर्सरी प्रबंधन पर एक महत्वपूर्ण परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न किया। इस परीक्षण का उद्देश्य आधुनिक और संतुलित तकनीकों के माध्यम से नर्सरी प्रबंधन में सुधार करना था।
प्रशिक्षण में क्षेत्रीय किसानों को उन्नत तकनीकी जानकारी प्रदान की गई, जिसमें नर्सरी स्थापना, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार, बीज उपचार, पौध पोषण और जल प्रबंधन जैसी प्रमुख विधियों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने किसानों को नर्सरी के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए उपयोगी टिप्स दिए और व्यावहारिक प्रदर्शन भी किया।
कार्यक्रम के दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि नर्सरी प्रबंधन में संतुलित तकनीक अपनाने से पैदावार में वृद्धि होगी और किसानों की आय में सुधार आएगा। किसानों ने इस परीक्षण के लिए आभार व्यक्त करते हुए इसे अपने कार्य में लागू करने का संकल्प लिया।
यह पहल कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किसानों को उन्नत कृषि तकनीक से जोड़ने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।